बिजली बचाने के secret उपाय:
बढ़ती हुई महंगाई के दौर में भारी भरकम बिजली बिल आना, कंज्यूमर को जरूरत से ज्यादा परेशान करके रख देती है। वैसे तो गर्मियों में बिजली बिल बढ़ जाना ये आम बात हैं। रोजमर्रा की ज़िंदगी में उपयोग किए जाने वाले बिजली उपकरण एसी, कूलर, टीवी, पंखा, गैजेट आदि जैसी तमाम चीजें जिनके बिना रहना तो दूर की बात है इसके बिना तो हमारा काम भी नहीं चलता।
हमलोग जितना ज्यादा बिजली से सुख करेंगे उतना ही ज्यादा बिजली का बिल आएगा। जिसे लेकर हमलोग काफी टेंसन में होते हैं। हमें समझ ही नहीं आता कि बिजली का बिल कैसे कम करें।
कहां कटौती करें, कैसे कटौती करे, ताकि बिल इतना ज्यादा न आये। कोई उपाय तो होगा, जिन्हें अपनाकर हम बिजली का बिल आसानी से आधा कर सकते हैं। बिजली बिल को कम करने से पहले बिजल बिल ज्यादा क्यों आता है। ये चीज़ जानना बहुत जरूरी है, आइए जानते हैं।
बिजली बिल ज्यादा आने के मुख्य दो कारण:
1. बिजली मीटर में खराबी
2. उपयोग किए जाने वाले बिजली उपकरण
- बिजली मीटर में खराबी या उपयोग किये जा रहे उपकरण द्वारा ज्यादा बिजली खपत हो रहा है इसके लिए।
- सबसे पहले हमें इन कारणों का पता लगाना होगा। ये हम खुद से ही कर सकते है। इसके लिए बिजली विभाग के पास जाने की जरुरत नहीं है। चलिए हम जानते है कि इन दोनों कारणों का पता कैसे लगाएं।
1. बिजली मीटर में खराबी को चेक कैसे करें ?
- सबसे पहले आपको ये जानना आवश्यक है कि आपके घर में लगे मीटर सही है या नहीं। क्योंकि कई मीटर मे खराबी होने के कारण ज्यादा चलने लगते है। इससे अधिक बिल आने लगते हैं।
- घर में लगे किसी भी उपकरण का सहारा लेना होगा। अगर मीटर चेक करना चाहते हो तो, इसके लिए आपको 1000 वॉट के किसी भी बिजली उपकरण को एक घंटे तक चलाना होगा।
- फिर घर में लगे बिजली मीटर का रीडिंग करना पड़ेगा। अगर उसमे 1 यूनिट से ज्यादा बता रहा है, तब मीटर तेज चल रहा है। यानि मीटर में खराबी है।
- चेक करने के लिए नीचे की टेबल में हमने उपकरण और उसके वॉट की जानकारी दिया है। आप इसे चेक करके एक हजार वॉट की गणना कर लें–
- अगर मीटर सही है, तो उस कंडीशन में आपको अपने घर में लगे बिजली उपकरण को सही से चेक करना चाहिए। उसके खराबी से भी ज्यादा बिजली की खपत अधिक होती है।
- अगर वह सभी उपकरण निर्धारित वॉट से ज्यादा बिजली खपत कर रही है, तो उसमे खराबी हो सकती है। प्रत्येक बिजली उपकरण में वॉट लिखा होता है। जिसे देख कर आप आसानी से चेक कर सकते हों। या फिर आपके पास एक मल्टीमीटर होने चाहिए। इसे एमेजॉन से आसानी से खरीद सकते हैं।
2. उपयोग किये जा रहे उपकरण को चेक कैसे करें?
पुराने पंखे चेक करें:
- पुराना पंखा जो पांच साल पहले आता था वो पंखा 75 वाट का होता था। अब नए तकनीक के बिजली बचाने वाले 35 वाट के पंखे भी मिलते हैं।
- सामान्य स्थिति में 75 वॉट का पंखा जितनी बिजली की खपत करता है, ये पुराने होने की वजह से 10 यूनिट से ज्यादा बिजली की खपत करेगा।
- ऐसे में आपको पुराने पंखे को बदल देना चाहिए। नहीं तो सभी पुराने पंखों का ग्रीसिंग और ऑइलिंग करवाना चाहिए। जिसे आम भाषा में सुधार या रिपेरिंग कहते हैं। तभी जाकर ये फ्री चलेंगे और इससे कम बिजली बिल खपत होगी।
- छत के पंखे दिनभर चलत रहते हैं। ऐसे में हमें नई तकनीक वाले पंखों का यूज करना चाहिये। एक नया इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर के साथ, जिससे बिजली की खपत आधी की जा सके।
पुरानी ट्यूब लाइट ज्यादा बिजली खपत करती है:
- पुराने बल्ब या ट्यूब लाइट की जगह LED का इस्तेमाल करें। क्योंकि ज्यादा पुरानी बल्ब सामान्य दर से ज्यादा बिजली खपत करने लगती है।
- एक पुराने 100 वाट के बल्ब से जितनी रोशनी मिलती है उतनी रोशनी केवल 15 वाट के LED बल्ब से मिलती है।
- नए इलेक्ट्रॉनिक चोक वाली या LED वाली ट्यूब लाइट का इस्तेमाल करें, पुराने कॉपर चोक की जगह।
- धूल के चलते लाइट कम मिलती है और इससे हमें ज्यादा बल्ब जलानी पड़ती हैं। इसीलिए हमे बल्ब, ट्यूब लाइट आदि सामानों की डस्टिंग करें।
- ऐसी जगहों पर जहां लाइट थोड़ी देर के लिए प्रयोग होता है, वहा पर ऐसे बल्ब का प्रयोग करें जिन्हें शुरु में "गर्म" होने की जरूरत नहीं परती। यह जानकारी बल्ब के पैकेट पर लिखी होनी चाहिए ।
- जरुरत नहीं होने पर लाइटें बंद करने की आदत डालें। जिस जगह जरूरत हो वहीं पर लाइट जलायें। इससे भी बिजली की बचत काफी हद तक कम की जा सकती है।
- अर्टिफिशियल लाइट पर निर्भर होने से अच्छा दिन में नैच्यूरल लाइट का प्रयोग करे, अपने पर्दे खोलें और में सूरज की रोशनी को अंदर आने दें। और रात को लैंप का प्रयोग करे।
- ज्यादा रोशनी के लिए, कमरे में हल्के शेड के रंग लगवाएं। ऐसा करने से घर में ज्यादा रोशनी आती है, और लाइटें जलानी की जरूरत कम पड़ती है।
आयरन/गीजर (Iron / Geyser) :
- इलेक्ट्रिक आयरन वैसा लेंना चाहिए जिसका टेम्परेचर बढ़ते ही ऑटोमेटिक बंद हो जाए। गीले कपड़ों पर इस्त्री नहीं करें, और कपड़ों पर ज्यादा पानी भी ना छिड़कें, आयरन करने वक्त। इससे भी बिजली अधिक खर्च होती है।
- हमेशा याद रखें की गीजर हमेशा चालू नहीं रहे। अधिक टेम्परेचर पर गीजर सेट नहीं करें। हो सके तो गैस वाले गीजर का इस्तेमाल करें।
- पानी गर्म करने वाली इलेक्ट्रिकल केतली का उपयोग करते हों तो उसे हमेशा साफ रखें। साल्ट जमने पर केतली में ज्यादा बिजली खर्च होती है। वॉटर हीटर ऐसा खरीदे जिस पर इंडिकेटर लगातार नही जलती हो।
- शावर की तुलना में स्नान करने में बहुत अधिक पानी खर्च होता है। इसीलिए स्नान करने के बजाय शावर लेना चाहिए। ज़्यादा देर तक शावर नहीं लेना चाहिए।
फ्रिज (Fridge):
- फ्रिज को दीवार से थोड़ा दूर रखें, हवा लगने के लिए जगह छोड़ दे। फ्रिज को बहुत कम टेम्परेचर पर सेट करके न रखें। इससे काफी ज्यादा बिजली खर्च होती है।
- फ्रिज के दरवाजे एयर टाइट होने चाहिए। दरवाजे की रबर गंदी हो तो गर्म पानी में धो लें। लेकिन रबर पेकिंग खराब हो गई तो चेंज कर दे।
- बीना मतलब बहुत देर तक या बार-बार दरवाजा नहीं खोले। ज्यादा गर्म चीजें फ्रिज में न रखें।
- फ्रिज को गर्मी या गर्म वाले समान से दूर रखें जैसे:– सीधी धूप, चलती हुई TV, तरल पदार्थ, चूल्हे और ओवन आदि की गर्मी से दूर रखना चाहिए। तरल सामग्री को ढककर रखें। बिना ढ़के तरल पदार्थ से नमी निकलती है, जो फ्रिज के कम्प्रेसर का काम काफी तेजी से बढ़ा देती है।
- फ्रिज में सामान इतना ही रखें कि अंदर हवा घूमने के लिए जगह बनी रहे। फ्रिज में बर्फ जमी हो तो उसे नियमित डिफ्रॉस्ट करते रहें। बर्फ जमने से फ्रिज पावर ज्यादा कंज्यूम करती है।
Air Conditioning (AC) :
- अगर आपके घर में AC लगा हुआ है, या लगाने की सोच रहे हैं, तो आपको ज्यादा ध्यान देना चाहिए। कई लोग पैसे बचाने के चक्कर में 1 स्टार या 3 स्टार वाले AC खरीद लेते हैं। जिससे बिजली की खपत लगातार बढ़ती रहती हैं। क्योंकि कम स्टार वाले AC ज्यादा बिजली खपत करती है। इसे खरीदते समय पांच या उससे ज्यादा स्टार रेटिंग वाले AC को देखकर खरीदें।
- मान लीजिए अगर आपने 1.5 टन का एसी अपने घर में लगवाये हुऐ हैं, और इसे औसतन 8 घंटे चलाते है, तब ये 7-9 यूनिट बिजली खपत करती है। वही अगर आपने इसकी सर्विसिंग नहीं कराई है तब ये 10-11 यूनिट बिजली खपत करेगा। तो बिजली का बिल ज्यादा आएगा।
- एसी के चलते समय हल्का सा पंखा चला लेना चाहिए, ताकि पूरे कमरे में ठंडी हवा फैल सके। एसी बहुत कम तापमान पर न चलायें। 25 डिग्री पर चलायें इससे कम खर्चे में सही तापमान मिलेगा। दरवाजे और खिड़की की पेकिंग अच्छे से होनी चाहिए।
- खिड़कियों पर पर्दे या सन फिल्म आदि लगाकर रखनी चाहिए। जिससे कूलिंग बढ़ सके। सीधे धूप नहीं गिरनी चाहिए। इससे छाया में रखें जिससे बिल 10% कम आएगा।
- AC के थर्मोस्टेट के पास गर्म वाली किसी प्रकार का कोई भी चीज नहीं होनी चाहिए, जैसे लेम्प या टीवी आदि नहीं होने चाहिए। क्योंकि थर्मोस्टेट उनकी गर्मी सेन्स करता है और AC लगातार चलता रहेगा।
- पानी निकलने वाले पाइप को इस तरह रखें ताकि उसमे पानी नहीं रुके। इसके फिल्टर को समय समय पर साफ करना चाहिए। फिल्टर गंदा होने पर भी बिजली की खपत बढ़ जाती है।
- अपने घर में अच्छे से इन्सुलेशन करवाएं, खिड़कियों और दरवाजों पर अच्छे सील हो। इससे ये होगा की गर्मी के दौरान आपके घर से ठंडी हवा बाहर नहीं जाएगी और साथ ही सर्दियों के दौरान गर्म हवा बाहर नहीं जाएगी। इससे ऊर्जा की लागत में, आप काफी बचत कर सकते हैं।
वाशिंग मशीन (Washing Machine) :
- अधिकांश लोग अपने कपड़ों को जरूरत से ज्यादा धोते हैं; प्रत्येक सप्ताह धोने वाले कपड़ों की संख्या को जितना हो सके तो कम करें। वाशिंग मशीन में पूरे कपड़े एक साथ धोयें।
- दो चार कपड़ों के लिए वाशिंग मशीन बार बार नहीं चलायें। क्योंकि इससे फालतू की बिजली खर्च होती है। पानी की उचित मात्रा का उपयोग करें। हो सके तो मशीन में टाइमर का प्रयोग करें। साथ ही वाशिंग पाउडर का उचित मात्रा में प्रयोग करें।
- कपड़े इलेक्ट्रिक ड्रायर के बजाय प्राकृतिक रूप से सुखायें। आंगन में या छत पर एक कपड़े सुखाने की रस्सी लगाएं और ड्रायर का उपयोग करने के बजाय उस रस्सी पर कपड़े सुखाएं।
- डिशवाशर का उपयोग करने के बजाय, बर्तनों को अपने हाथों से धोएं (जल संरक्षण विधि का द्वारा)।
- यदि इलेक्ट्रिक तवा को कामो में ले रहे हों, तो चपटे तले वाले बर्तन कामो में लें। ताकी पूरा तवा काम आये।
- हो सके तो बेकिंग को सप्ताह में केवल एक दिन के लिए सीमित करें, और उसी दिन एक साथ कई व्यंजनों को बनाएं। इस तरह से आपको ओवन को बार बार गर्म नहीं करना पड़ेगा।
- OTG में माइक्रोवेव से ज्यादा बिजली लगती है। इसीलिए OTG की जगह माइक्रोवेव ओवन काम में लें। एक बार खोलने से उसका तापमान 25 डिग्री तक कम हो जाता है। इसीलिए इलेक्ट्रिक ओवन को बार-बार नहीं खोलें।
प्रत्येक दिन उपयोग किया जाने वाला गैजेट :
- कम्प्यूटर आदि को स्टार्ट और शट डाउन करने में एक्स्ट्रा बिजली नहीं लगती, ना इससे पार्ट्स पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए काम में नहीं होने पर शट डाउन कर दें।
- कंप्यूटर या लैपटाप को एनर्जी सेविंग मोड का उपयोग करें।आपको मालूम होना चाहिए की स्क्रीन सेवर सिर्फ स्क्रीन को बचाते हैं, बिजली को नहीं। अगर कंप्यूटर प्रोसेस में है तो कम से कम मॉनिटर ऑफ करके भी बिजली की बचत कर सकते है।
- टीवी, कम्प्यूटर, म्यूजिक सिस्टम आदि का काम नहीं रहे, तो मेन पावर स्विच बंद कर दें, नहीं तो बिजली की खपत जारी रहेगी।
- मोबाइल, लेपटॉप, कैमरे समेत बाकी चीजों के चार्जर के प्लग इस्तेमाल के बाद निकाल देने चाहिए, हम लोग अक्सर जल्दी में चार्जर लगे ही छोड़ देते हैं।
- ऐसे छोटे उपकरणों से छुटकारा पाएं जिनकी आपको वास्तव में जरूरत नहीं है, जैसे कि प्लग इन एयर फ्रेश्नर इसके बजाय खिड़कियां खोलें।
कैसा उपकरण खरीदना चाहिए:
- नए उपकरण को ऊर्जा संरक्षण के लिए तैयार किया जाता है, यदि आपके पास एक पुराना वायर, बल्ब, पंखा, एसी, फ्रिज, बिजली का स्टोव और ओवन, डिशवॉशर, वॉशर और ड्रायर, या अन्य पुराने उपकरण हैं, तो उनकी जगह नए उपकरण खरीदें।
- जिस उपकरणों पर "Energy Star" रेटिंग देखें। इससे आपको यह आंकने में मदद मिलती है कि उस उपकरण में कितनी ऊर्जा का उपयोग होगा। कई ऊर्जा संरक्षण के उपकरण महंगे होते हैं। लेकिन आप समय के साथ बिजली की बचत करके उन पैसों को वापस कमा लेंगे।
निष्कर्स :
- ऐसे उपकरण जिसको बोर्ड से अनप्लग किया जा सके उस सभी प्लग को निकाल दे, जैसे कि फोन चार्जर, साउंड सिस्टम, टीवी, सेट टॉप बॉक्स, रसोई के उपकरण, हेयर ड्रायर, और अन्य उपकरण जो बिजली से चलते हैं। उसका प्लग निकालना असुविधाजनक लग सकता है, लेकिन प्लग निकालने से आप काफी बचत कर पाएंगे।
- गीजर, AC, फ्रिज, लाइटें माइक्रोवेव, आदि का प्लग लगा हो तो स्विच बंद होने पर भी ये बिजली खाते हैं। इनके स्विच बंद होने पर भी प्लग लगे होने से न्यूट्रल वायर के जरिये इलेक्ट्रिसिटी लेते रहते हैं। इसलिए इनके प्लग निकाल देने चाहिए। नहीं तो ये बिजली का बिल काफी बढ़ाते रहते हैं।
- काम नहीं होने पर लाइटें बंद करने की आदत डालें। केवल उन्हीं उपकरणों का उपयोग करें जिनकी आपको वास्तव में जरूरत है। कम उपकरणों का उपयोग करने से कुछ कार्यों में अधिक समय लग सकता है, लेकिन आप पूरे परिवार के साथ काम करें तो सभी कामों को पूरा करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
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